रेडियो मेरे दिल के सबसे करीब: अपारशक्ति

इंदौर. रेडियो मेरे दिल के सबसे करीब है. एक्टिंग के पहले रेडियो करने के दौरान ही मुझे बहुत कुछ क्रिएटिव करने का मौका मिला. उसके पहले मैंने कुछ क्रिएटिव नहीं किया था. जब रेडियो में क्रिएटिविटी के माध्मय से मैंने पैसा कमाना शुरू किया तो मुझे बहुत लर्निंग मिली. रेडियो ने मुझे बहुत कुछ सिखाया.

यह कहना है अभिनेता अपारशक्ति खुराना का. वे गुरुवार को शहर में एक निजी कॉलेज में शिरकत करने आए थे. वे स्टूडेंट्स के साथ रूबरू भी हुए और मीडिया से विशेष चर्चा भी की. उन्होंने आगे बताया कि रेडियो की क्रिएटिव वर्कशॉप में मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला. वहीं चीजे मुझे एक्टिंग में काम आ रही है क्योंकि वहां मैं रोज कुछ नया सीखता था. कैरेक्टर पकडऩे में मदद मिली. रिसर्च की आदत पड़ गई और उसकी वजह से डिटेलिंग की आदत भी मुझे लगी. 

उन्होंने कहा कि रोजमर्रा के जिंदगी में जितना अपने करीबी लोगों, दोस्तों और रिश्तेदारों से जितना मिलना जरूरी है. उसी तरह मनोरंजन के क्षेत्र में सबकुछ करना जरूरी है. मैंने अभी तक रेडियो, थियेटर, एक्ंिटग और होस्टिंग की है. आगे भी जो करना चाहता हूं वो करूंगा. ताकि भविष्य में ऐसा न लगे कि मैंने कुछ मिस तो नहीं किया.

रियल और आनेस्ट होना जरूरी

अपारशक्ति ने कहा कि मेरे लिए रियल और ऑनेस्ट होना बहुत जरूरी है. आज दो दशक पहले लोग रियल और आनेस्ट ज्यादा व जुगाडु कम होते थे. लेकिन अब लोग जुगाड़ू ज्यादा हो गए हैं. वहीं चीजे आपके किरदार में झलकती थी. जितना रियल और आनेस्ट रहेंगे उतना लोगों से अलग दिखेंगे. इसलिए मेरे लिए रियल और ऑनेस्ट होना जरूरी है. आपको काम निकलना नहीं काम आना चाहिे.

कॉम्पीटिशन का सुर मुझे समझ नहीं आता

मैं किसी से कॉम्पीटिशन नहीं करता केवल अपने काम पर ध्यान देता हूं और उसे बेहतर करने की कोशिश करता हूं. मुझे कॉम्पीटिशन का सुर समझ में नहीं आता. मैं केवल अपनी जर्नी देखता हूं और किसी से कोई मतलब नहीं है. इच्छाओं की कोई सीमा नहीं है. किसी से कॉम्पीटिशन के चक्कर में पड़ोगे तो काम पर असर पड़ेगा. मेरा मानना है तो वर्तमान काम को पिछले से बेहतर करो और आगे का देखा. भगवान से मैं ये प्रार्थना करता हूं कि अगर कोई मुझे देखकर कॉम्पीटिशन कर रहा है तो मुझसे पहले उसे वो सब दो वो जो मांग रहा है. 

विद्या, तापसी और नुसरत करती हैं प्रेरित

उन्होंने बताया कि मुझे विद्या बालन, तापसी पन्नु और नुसरत प्रेरित करती है. उनकी जर्नी मुझसे काफी मिलती जुलती है. हमने शुरू एक ही जैसे की है. उन्होंने भी काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं. मेरे मानना है एक्टिंग की फील्ड महिलाओं के लिए ज्यादा मुश्किल है. 

निगेटिव किरदार करना चाहता हूं

मैं जब थियेटर में था तो 8 साल मैंने डार्क किरदार ही किए. वहां कभी कॉमेडी नहीं की. अब जब फिल्में करना शुरू की तो मुझे कॉमेडी ही मिल रहा है. इसलिए अब मैं निगेटिव किरदार करना चाहता हूं. साथ ही मेरा मानना है कि जो आप कर रहे हैं उसमें खुश रहे. मुझे भी रणवीर सिंह ने कहा था हम एक्टिंग करना चाहते थे और वहीं कर रहे है इसलिए हमें खुश ही रहना चाहिए.

खाने और बनाने का शौकीन

मैं खाने का शौकीन हूं और बनाता भी हूं. घर पर मैं बेसन की बर्फी और बटर चिकन खुद बनाता हूं. कई बार तो मेरी पत्नी परेशान हो जाती है. मैं आज इंदौर आया तो सबसे पहले जाकर पोहे जलेबी खाए. इसके अलावा मुझे गिटार बजाने का भी शौक है. उन्होंने बताया कि पति, पत्नी और वो फिल्म कॉमेडी है. इसमें हम सभी की कैमेस्ट्री सभी को पसंद भी आएगी. फिल्म के बाद लोग हैप्पी मूड लेकर ही जाएंगे.Attachments area

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